हम में से कई साथी इस बात पर सहमत हो सकते हैं कि विज्ञान, विषय के तौर पर थोड़ा कम रोचक है। इसमें साहित्य या अन्य कला संबंधी विषयों की तरह कथा-कहानियों और बांध कर रखने वाले रोचक तत्वों की कमी है। लेकिन नहीं। असल में विज्ञान भी उतना ही रोचक है, जितना कि कला। दरअसल मूल समस्या हमारे पढऩे के तरीके में है। यदि हम विज्ञान और उससे जुड़ी खोजों की कहानियों को पढ़ें, तो यकीन मानिए ये आपको कला से भी ज्यादा रोमांचित करती हैं। हममें से कई साथियों को पहली बार इस बात पर हंसी आई होगी कि न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण बल का एहसास सिर पर फल के गिरने से हुआ या यह कि आर्किमिडीज ने स्नान के समय जब खुद को पानी में हल्का महसूस किया, तो अपनी इस खोज पर वे बिना कपड़ों के ही स्नानघर से 'यूरेका यूरेका' चिल्लाते हुए दौड़ पड़े थे। हाल ही एक अध्ययन रिपोर्ट ने भी देश में विज्ञान की पढ़ाई और उसके तरीकों पर सवालिया निशान लगाया है, जिसके बाद इसे रोचकता से पढ़ाने और शिक्षा प्रणाली में बदलाव की वकालत की जा रही है। विज्ञान में रोचकता और बांध कर रखने वाली इसी कड़ी की खोज में भटकते हुए मैं एक वेब साइट पर पहुंचा। साइट का नाम है- 'टुडे इन साइंस हिस्ट्री'
यह साइट अपने नाम के अनुरूप विज्ञान जगत के इतिहास की तिथिवार कहानियां सुनाती है। यदि आप पिछली किसी तिथि पर हुई खोजों, विज्ञान जगत में जन्म और मृत्यु जैसी जानकारी लेना चाहें, तो कैलेंडर में फेरबदल कर सकते हैं। साइट के बाईं ओर मेन्यू में साइंस कोट्स का ऑप्शन है, जहां साइंटिस्ट्स के कोटेशंस ढूंढे जा सकते हैं। साइंस स्टोरीज और कैमेस्ट्री स्टोरीज सेक्शन में आविष्कारों की रोचक कहानियों को पढऩे का मौका मिलता है। आशा है, विज्ञान को रोचक नहीं मानने वाले साथियों को यहां कुछ रोचक तथ्य मिल जाएंगे।
साइट का पता है-
राजस्थान पत्रिका के एजुकेशन सप्लीमेंट ' मी नेक्स्ट ' में दिनांक -22 जनवरी 2012 को प्रकाशित।